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'सुजानी देवी ट्रस्ट' के प्रमुख ट्रस्टी श्री सुरेश प्रसाद अग्रवाल का जन्म छत्तीसगढ राज्य के अंतर्गत सरगुजा जिला के एक छोटे से कस्बे लखनपुर मे हुआ| उनके पिता स्व० श्री विशेश्वर दास अग्रवाल एव माता श्रीमती सुजानी देवी अग्रवाल ने उनको प्रारंभिक शिक्षा लखनपुर एव अंबिकापुर मे दिलाई| बाद मे उन्होने जबलपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटेक्निक शिक्षा पूर्ण कर सन १९८० में भविष्य निर्माण करने यू. एस. ए. चले गए।  यहाँ पर उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बी एस और एम. एस. किया।  इसके बाद सन १९९० में उन्होंने यहाँ पर अपना स्वतंत्र व्यवसाय आरम्भ कर दिया। उन्होंने अपनी मातृभूमि से लगाव कि वजह से अपनी पूज्य माता श्रीमती सुजानी देवी अग्रवाल की स्मृति मे  'सुजानी देवी ट्रस्ट' आरम्भ किया। इस ट्रस्ट में उनके साथ उनकी धर्म पत्नी श्रीमती कृष्णा अग्रवाल भी प्रमुख ट्रस्टी है|

अपने पूज्य जन्मदाताओ की पुण्य स्मृति स्वयं के हृदय मे सँजोकर रखना प्रत्येक संतान के लिए गर्व का विषय है तथा उनकी स्मृति को सेवाभाव के माध्यम से जनमानस मे विस्तारित करना संतान के लिए निश्चय ही आत्मगौरव का विषय होता है | इन्ही भावनाओ को हृदय मे रखते हुए दूसरो के लिए कुछ करने का प्रयास है- 'सुजानी देवी ट्रस्ट' | प्रयास किसी भी दिशा मे हो,यदि उसमे सदभावना से दूसरो की मदद करने का हित छिपा हो तो निसंदेह यह प्रयास सार्थक होता है|
 

 'शिक्षा' - इस एक शब्द के मायने सबके लिए एक जैसे होते है,लेकिन उसके लिए जो प्रतिभावान होते हुए भी इसे अर्जित नही कर पाते है, काफ़ी मायने रखते है| आर्थिक अभावो से जूझते किसी परिवार के लिए एक प्रतिभावान बेटा उनकी उम्मीद के समय शायद अंतिम और सशक्त आस होती है लेकिन धनाभाव से उसका मुकाम तक न पहुँच पाना उस परिवार के लिए असहनीय पीड़ा से कम नही होती जो उसे जिंदगी भर कटोचती रहती है|
 

 अपने पुज्यवर पिता स्व० श्री विशेश्वर अग्रवाल एव पूज्य माता स्व० सुजानी देवी अग्रवाल की स्मृति को चीरस्थाई बनाने के लिए हमने भी शिक्षा के लिए सरगुजा के मेधावी किंतु आर्थिक रूप से असक्षम युवा वर्ग को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना अपना उद्देशय बना लिया है|
 

स्वयं की जन्मभूमि, कर्मभूमि एव मातृभूमि के प्रति ये लगाव अनायास ही नही आया वरन जब स्वयं को कुछ कर पाने की स्थति मे पाया तभी इसी परिकल्पना को साकार करने के लिए यह बीड़ा उठाया है।
 

आख़िर देश ही हमे सबकुछ देता है, हम भी देश को कुछ देना सीखे| और अंत मे अपने पूर्वजों के सम्मान और मातृभूमि को मान देने हेतु यह छोटी सी आहुति राष्‍ट्र को समर्पित है|

 

 

धन्यवाद।

श्री सुरेश प्रसाद अग्रवाल एवं श्रीमती कृष्णा देवी अग्रवाल

(अप्रवासी भारतीय)

प्रमुख ट्रस्टी